डॉलर के मुकाबले नए रेकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचेगा रुपया

मुंबई। रुपया इस साल रेकॉर्ड लो लेवल तक पहुंच सकता है। ग्लोबल लेवल पर पॉलिसी संबंधी अनिश्चितताएं बढ़ी हैं और भारत में ब्याज दरें भी ऊंचे स्तर पर हैं, जिससे कर्ज महंगा हुआ है। 20 मार्केट पर्टिसिपेंट्स के बीच सर्वे से यह बात सामने आई है। इसमें शामिल होनेवाले करीब तीन चौथाई ने कहा कि डॉलर की तुलना में इस साल दिसंबर तक रुपये का भाव 69 तक जा सकता है, जबकि कुछ ने इसके 70 तक जाने की बात कही। इस साल इमर्जिंग मार्केट्स में सबसे खराब प्रदर्शन करनेवाली करंसी में रुपया शामिल रहा है। 2018 में डॉलर की तुलना में इसमें 6.7 प्रतिशत की गिरावट आई है और सोमवार को यह 68.13 पर बंद हुआ।बेंचमार्क रेट के 8 प्रतिशत पर पहुंचने की वजह से अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय कंपनियां कम कर्ज ले सकती हैं। सर्वे में शामिल 50 प्रतिशत पर्टिसिपेंट्स ने कहा कि 10 साल के सरकारी बॉन्ड पर यील्ड 8 प्रतिशत के करीब बनी रहेगी या इससे ऊपर भी जा सकती है। सिंगापुर के डीबीएस बैंक के मार्केट्स हेड आशीष वैद्य ने बताया, हम डॉलर बुल मार्केट के पहले फेज में हैं। अमेरिका में जो ट्रेड पॉलिसी आई है, उससे डॉलर और मजबूत होगा। भारत में चालू खाता घाटा बढऩे या वित्तीय घाटे का लक्ष्य पूरा नहीं होने पर रुपये में और कमजोरी आएगी। वहीं, अमेरिका में ब्याज दरें और बढ़ेंगी। अमेरिका की ट्रंप सरकार ने चीन, यूरोप और भारत सहित दूसरे देशों से निर्यात होनेवाले प्रॉडक्ट्स पर ड्यूटी बढ़ाने की धमकी दी है, जिससे ग्लोबल ट्रेड वॉर तेज होने की आशंका बढ़ गई है। इन सभी देशों ने अमेरिकी प्रॉडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी है। वैद्य ने कहा कि इसके साथ महंगाई दर के बढ़ते दबाव की वजह से लॉन्ग टर्म में ब्याज दरें बढ़ेंगी। 24 नवंबर 2016 को रुपया 68.86 के रिकॉर्ड लो लेवल पर पहुंच गया था। भारतीय मुद्रा का इससे पिछला निचला स्तर 68.85 का था, जो 28 अगस्त 2013 को बना था।

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